*सहसपुर क्षेत्र में गैस डिलिवरी वाहन के चालक से लूट की घटना निकली फर्जी।*
*घटना पर संदिग्धता प्रतीत होेने पर एसएसपी देहरादून सभी पहलुओं की गहनता से जांच के दिये थे निर्देश।*
*गैस सिलिंडर वितरण के क्षेत्र को लेकर चालक तथा प्रतिवादियों के मध्य चल रही थी रंजिश, जिसके चलते चालक द्वारा लिखवाई गयी थी लूट की फर्जी रिपोर्ट ।*
*फर्जी रिपोर्ट लिखवाने पर वाहन चालक के विरूद्ध की जा रही कार्यवाही।*
देहरादून: तीस नवंबर को नीरज कुमार पुत्र अमर सिंह निवासी ग्राम नंबरपुर जामुनखाता पोस्ट जस्सोवाला थाना सहसपुर देहरादून द्वारा थाना सहसपुर पर एक लिखित प्रार्थना पत्र दिया कि वह गैस सिलिंडर डिलीवरी का काम करता है तथा उससे कुछ अज्ञात लोगों द्वारा रास्ता रोककर गाली गलौज मारपीट करते हुए उससे 25000/- रू0 लूट लिये तथा उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। प्रार्थना पत्र के आधार पर थाना सहसपुर पर मामला पंजीकृत किया गया।
घटना की प्रारंभिक विवेचना में गहनता से जांच करते हुए प्रकाश में आए व्यक्तियों 01-कपिल ठाकुर पुत्र राजेंद्र ठाकुर निवासी चंद्रमणी चोयला थाना पटेल नगर देहरादून उम्र 18 वर्ष 02-अंशु ठाकुर पुत्र राजेंद्र ठाकुर निवासी उपरोक्त उम्र 19 वर्ष 03-मुकेश कुमार पुत्र राजकुमार निवासी छोटा भारूवाला ऑस्ला लाइन थाना क्लेमेंटटाउन देहरादून उम्र 18 वर्ष 04-रंजन कुमार पुत्र लखविंदर राम निवासी क्ले टाउन छोटा भारुवाला उम्र 18 वर्ष 05-सौरभ थापा पुत्र संजय थापा निवासी चंद्रमणी चोयला थाना पटेल नगर देहरादून उम्र 18 वर्ष 06-नूर आफताब पुत्र उस्मान अहमद निवासी सी-24 क्लेमटाउन टर्नर रोड पठान मोहल्ला मूल पता ग्राम कैलाशपुर थाना गागलहेड़ी सहारनपुर उत्तर प्रदेश को थाने लाकर पूछताछ की गई तो प्रकाश में आया कि पूर्व मे अभियुक्तगण कपिल व अंशु के पिता के साथ वादी नीरज कुमार द्वारा गैस सिलेण्डर की सप्लाई के क्षेत्र को लेकर मारपीट की थी, जिस कारण कपिल व अंशु द्वारा अपने पिताजी की बेइज्जती का बदला लेने के लिए अपने दोस्तो के साथ मिलकर वादी के साथ मारपीट की गई थी, जिसके चलते वादी द्वारा उन्हें सबक सिखाने के लिये घटना को बढा चढाकर लूट की झूठी सूचना थाने में दर्ज कराई गई।
साथ ही विवेचना के दौरान यह तथ्य भी प्रकाश मे आये कि वादी ने जिस धनराशि को अभियुक्तगणो द्वारा लूटना बताया गया था वह धनराशि वादी द्वारा पूर्व में ही गैस एजेन्सी कार्यालय मे जमा करा दी गई थी। पुलिस की विवेचना तथा प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर वादी के साथ किसी भी प्रकार की लूट की घटना का होना नहीं पाया गया।
वादी द्वारा झूठी एफआईआर दर्ज करवाने के सम्बन्ध मे वादी के विरूद्व कानूनी कार्यवाही की जा रही है।