आखिर मतदान स्थल पर क्यों आगबबूला हुए विधानसभा अध्यक्ष?

पोलिंग बूथ पर मास्क ना पहनने पर भाजपा प्रत्याशी को रोका सुरक्षा गार्ड ने
मास्क पहनने के बजाय सुरक्षा गार्ड को भड़काने लगे विधायक जी

Dehradun: पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने खास दिशा निर्देश जारी किए गए थे जिसके तहत कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए गाइडलाइंस तैयार की गई थी। संक्रमण न फैले इसके लिए चुनाव का समय बढ़ाने के साथ-साथ पोलिंग बूथों पर सैनिटाइजर मास्क की व्यवस्था करने के साथ ही मतदाताओं से खासतौर पर मास्क लगाकर आने की अपील राज्य चुनाव आयोग लगातार कर रहा था। फिर ऐसा क्यों हुआ कि विधानसभा ऋषिकेश के एक पोलिंग बूथ पर उत्तराखंड के विधानसभा अध्यक्ष एवं ऋषिकेश सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा नेता प्रेमचंद अग्रवाल सुरक्षाकर्मी पर ही बिफर पड़े।

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल जो कि स्वयं भाजपा के टिकट पर ऋषिकेश विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डालने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने मास्क नहीं पहना हुआ था लिहाजा वहां तैनात सुरक्षाकर्मी ने अपनी ड्यूटी एवं चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के अनुसार उन्हें मास्क पहनने के लिए कहा। भाजपा प्रत्याशी प्रेमचंद अग्रवाल को शायद यह बात पसंद नहीं आई और वह मतदाताओं के बीच एक प्रेरणा बनने के बजाय सुरक्षा गार्ड से ही उलझने लगे। मास्क ना पहनने के बावजूद भी वे सुरक्षा गार्ड को डांटते हुए नजर आए और यह भी कहा कि वह वैक्सीन की दोनों खुराक लगा चुके हैं। बिचारा सुरक्षा गार्ड भी खुद को असहाय मानता हुआ शांत हो गया लेकिन कुछ ही देर में उनका यह वीडियो पूरे प्रदेश में वायरल हो गया।

असल में होना तो यह चाहिए था कि दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले पहले स्वयं खुद ऐसी मिसाल पैदा करें कि वह दूसरों को नसीहत दे सके। सुरक्षा गार्ड निश्चित तौर पर अपनी ड्यूटी कर रहा था लेकिन प्रत्याशी महोदय दिशा-निर्देशों से परे जाकर सुरक्षा गार्ड को ही डांट रहे थे। मौके पर मौजूद मतदाता भी विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का यह रवैया देखकर काफी हैरान थे। हैरानी की बात तो यह है कि कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन करने के अधिकारी आखिर कौन-कौन लोग होने चाहिए इसका वर्गीकरण भी केंद्र सरकार को कर देना चाहिए।