राम और राष्ट्रवाद का विरोध करना कांग्रेस की फितरत: चौहान

आरएसएस की गतिविधियों पर कर्मियों की रोक हटाना सीएम धामी का स्वागतयोग्य कदम

कांग्रेस राष्ट्रभक्त और सांस्कृतिक पुनरोत्थान समर्थकों का हमेशा करती है विरोध

देहरादून:। भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस राम और राष्ट्रवाद का हमेशा विरोध करती रही है और इसी कारण वह आरएसएस के कार्यक्रमों मे सरकारी कर्मियों की भागीदारी पर सवाल उठा रही है।

चौहान ने आरएसएस की गतिविधियों में राज्य सरकार कर्मचारियों पर लगी रोक हटने का स्वागत करते हुए कहा कि यह केंद्र एवं राज्य का यह ऐतिहासिक निर्णय देवभूमि के सांस्कृतिक, सामाजिक उत्थान एवं विकास की कोशिश को मजबूती देगा। उन्होंने कांग्रेस की आपत्तियों पर पलटवार किया कि उन्हें संघ के योगदान को राहुल गांधी के पुराने संसदीय क्षेत्र वायनाड के आपदा प्रभावितों से समझना चाहिए,क्योंकि राहुल गाँधी और कांग्रेसी प्रभावितों के बीच से नदारद रहे और संघ के स्वयंसेवकों ने पीड़ितों के बीच शानदार काम किया है।

चौहान ने कहा कि 58 साल पहले 1966 में एक असंवैधानिक आदेश जारी किया गया था, जिसमें सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया गया था। पहले मोदी सरकार और अब धामी सरकार ने एक राष्ट्रभक्त संस्था से जुड़ने पर लगी असंवैधानिक रोक को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया है।

अपने राजनीतिक स्वार्थों के चलते तत्कालीन इंदिरा सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारियों को संघ जैसे रचनात्मक संगठन की गतिविधियों में भाग लेने के लिए निराधार रूप से प्रतिबंधित किया था। जिसमें 1970 और 1980 में तत्कालीन कांग्रेस शासन ने और अधिक कड़ा किया । ऐसे में वर्तमान सरकारों का निर्णय समुचित है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को पुष्ट करने वाला है।

उन्होंने कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष की आपत्तियों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि राष्ट्र और राम विरोधी पार्टियों के समर्थन की उम्मीद बेमानी है । साथ ही उन्होंने राज्य के स्थानीय कांग्रेस नेताओं से पर कटाक्ष किया कि उन्हें विरोध करने से पहले कम से कम उत्तरकाशी, केदारनाथ, मालपा, कोविड आदि तमाम प्राकृतिक आपदाओं एवं देवभूमि के सनातन एवं सांस्कृतिक पुनरुत्थान में संघ के अद्वितीय योगदान का स्मरण करना चाहिए।