हेमकुंड साहिब में तीर्थयात्रियों का आना शुरू, राज्य सरकार के लिए प्रबंधन बना चुनौती

विधि विधान के साथ खुले हेमकुंड साहिब के कपाट

Chamoli: हेमकुंड साहिब के कपाट रविवार को विधि विधान से खुल गए हैं। पहले दिन 3 हजार तीर्थ यात्रियों ने वर्ष की पहली अरदास एवं प्रकाश पर्व पर दरबार साहिब में मत्था टेका। कोरोना काल के बाद दो वर्षों के अंतराल के उपरान्त विधिवत शुरू हो रही हेमकुंड की यात्रा को लेकर यात्रियों में खासा उत्साह देखने को मिला।

शनिवार की देर शाम को घांघरिया पहुंचा जत्था रविवार की सुबह पांच बजे हेमकुंड के लिए रवाना हुआ। जिसके बाद घांघरिया से हेमकुंड तक की 5 किमी की खड़ी चढ़ाई का मार्ग जो बोले सो निहाल व वाहे गुरु दा खालसा जैसे उद्घघोषों से गूंज उठा। दो वर्षों के बाद यह 5 किमी की खड़ी चढ़ाई घोडे खच्चर, डांडी कांडी, पैदल यात्रियों की चहल पहल से गुलजार दिखा।

हेमकुंड के कपाट खुलने से पहले आये तीर्थ यात्रियों ने पवित्र हिम सरोवर में स्नान किया। इसके बाद ठीक साढ़े नौ बजे पंच प्यारों की मौजूगी में ग्रंथी मिलाप सिंह एवं कुलवंत सिंह ने गुरुग्रंथ साहिब को सच खंड से दरबार साहिब में सुशोभित किया। जैसे ही ग्रंथी मिलाप सिंह एवं कुलवंत सिंह गुरुग्रंथ साहिब को अपने सर में रखकर सचखंड से बाहर आए। पूरा हेमकुंड क्षेत्र- सत नाम श्री वाहे गुरु, जो बोले सो निहाल ,वाहे गुरु दा खलसा के उद्घघोषों से गूंजने लगा। श्रद्घालुओं ने पुष्पवर्षा कर गुरुग्रंथ साहिब का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। तीर्थ यात्रियों को हलवा, पकोड़े, चाय, खिचड़ी प्रसाद के रूप में दी गई।