बाजार में ढाई सौ से तीन सौ रूपए तक बिक्री
भिंडी ने भी उड़ाए खरीदारों के होश, 160 रूपए प्रतिकिलो
देहरादून। अच्छे दिनो की ओर बढते भारत में पैट्रोलियम पदार्थो की कीमत के साथ ही साग सब्जी खाना भी अब आसान नहीं रह गयी है। गर्मियांे से निजात दिलाने एवं बुरी नजरांे से बचाने वाला नींबू खुद महंगाई का शिकार बन गया है। देहरादून के बाजारांे में इसकी कीमत ढाई सौ रूपए प्रति किलो तक जा पहुंची है, जिस कारण इसी खरीद भी अब धीरे-धीरे कम होने लगी हैं। बाजार में नींबू पानी की जगह अब गन्ने का रस एवं कंपनी मेड नींबू जूस बिक रहा है।
नींबू को नजरबट्टू की तरह प्रयोग तो किया जाता है लेकिन यदि खुद नींबू को ही नजर लग जाए तो क्या कहें। शरबत से लेकर खाने में शामिल रहने वाला नींबू अब थाली और गिलास से गायब हो रहा हैं। नींबू ढाई सौ से तीन सौ रूपए प्रति किलो तक बिक रहा है और जिस प्रकार से इसकी कीमतों में ठहराव नजर नहीं आ रहा है उससे लगता नहीं कि अभी यह दाम नीचे आने वाले हैं। बताया जा रहा है कि दक्षिण भारत से सप्लाई कम होने के कारण इसकी कीमतें अब आसमान छूने लगी हैं।
उत्तराखंड मंे नींबू का ऐसा कढवा मिजाज पहले कभी नहीं देखा गया। महंगाई के दौर मे जब टमाटर, प्याज व दूसरी सब्जियां महंगी होती थी तो उस समय भी नींबू बेहद शालीनता के साथ के अपने जायके से लोगों को तृप्त रखता था। जो नींबू पहले दस रूपए के तीन मिल जाते थे वह अब दस रूपए में में एक मिल रहा है। अब यह स्थिति कब सुधरेगी इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन नींबू के साथ भिंडी भी 150 प्रति किलो का आंकड़ा पार कर चुकी है।