कूड़ेदान से आपके घर तक पहुंच रहा नकली मावा

देहरादून में कूड़े के ढेर में मिला भारी मात्रा में नकली मावा
खरीदने से पहले पनीर व मावे की गुणवत्ता जरूर देखें उपभोक्ता

Dehradun; होली का पर्व नजदीक आने के साथ ही घरों में मिठाइयां एवं गुजिया बनाने का आयोजन चल रहा है। जाहिर है मिठाइयां बनेंगी तो मावा भी आएगा लेकिन यह तय नहीं है कि जो मावा हमारे घर तक पहुंच रहा है उसकी गुणवत्ता का स्तर क्या है? हो सकता है जो पनीर मावा उपभोक्ताओं के घर पहुंचा है वह कहीं कूड़े के ढेर में छुपा कर रखा गया था, जिसे मौका देख कर तस्करों ने आपके घरों के आसपास डेयरी एवं हलवाई की दुकानों तक पहुंचाया।

हम यह बात हवा में नहीं कर रहे हैं और इसके पीछे कारण है देहरादून के आईटी पार्क के एक कूड़ेदान में पकड़ा गया मावा। यहां एक ड्रम में कई क्विंटल मावा बरामद किया गया जोकि खाद्य सुरक्षा टीम द्वारा बरामद किया गया है। मावे के नमूने को जांच के लिए भेजा गया है और इस बात से कतई इंकार नहीं हो सकता कि यह नकली मावे की श्रेणी में आता होगा। कल्पना की जा सकती है कि जो नकली मावा पकड़ा गया वह तस्करी किए गए मावे का एक बहुत छोटा सा अंश है जो विभाग के हाथ लगा है।

विशालकाय देहरादून एवं उत्तराखंड के अन्य जिलों में मांग के अनुरूप मावे की सप्लाई संभव नहीं है लेकिन हर दुकान गली मोहल्ले में मावा उपलब्ध है। विभाग की मजबूरी है कि वह एक-एक दुकान और एक-एक गली में जांच नहीं कर सकता लिहाजा यह जरूरी है कि उपभोक्ता स्वयं सजग बने और दूध से बने खाद्य पदार्थों की जांच के बाद ही उसका प्रयोग करें। अन्यथा हो सकता है जो मावा या पनीर हमारे आपके घरों तक पहुंचा है वह कहीं किसे कूड़े के ढेर में स्टोर तो नहीं किया गया था?