हिमोफीलिया से पीड़ित था मासूम बच्चा, इलाज में कर्जे में डूब गया पिता
इलाज के अभाव में एक मासूम बच्चे की मौत अपने पीछे छोड़ दिए स्वास्थ्य सुविधाओं पर बड़े सवाल
उधम सिंह नगर: एक पिता ने अपने पुत्र की सिर्फ इसलिए जान ले ली क्योंकि वह बच्चे में जन्म से ही आई हीमोफीलिया की बीमारी का इलाज नहीं करा पा रहा था। बच्चे के इलाज के कारण पिता कर्जे में डूबने लगा था और अपने ट्रक की किस्तें भी जमा नहीं करा पा रहा था।
पिता ने बच्चे की बीमारी से निजात पाने के लिए जो रास्ता अपनाया वह बेहद ही दर्दनाक और समाज को झकझोर देने वाला है। किच्छा निवासी मोहम्मद तारिक का साडे 3 साल का बेटा अपने ही पिता के हाथों मारा गया। तारीख में बेटे की हत्या का पूरा षडयंत्र बुना और उसकी हत्या करने के बाद उसकी गुमशुदगी की झूठी रिपोर्ट पुलिस को दी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो क्षेत्र में लगे सीसीटीवी ने सारा भंडाफोड़ कर दिया। पिता को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया।
तारीख ने बताया कि उसके पुत्र सिवान को बचपन से ही हीमोफीलिया की बीमारी थी। उसकी बीमारी में काफी खर्चा हो रहा था जिसके कारण वह बुरी तरह से कर्ज में डूब गया था। रोजगार के लिए उसने किस्तों में ट्रक लिया था जिसकी किस्ते भी जमा नहीं हो पा रही थी और सारा पैसा इलाज में लगने के बावजूद भी बच्चा ठीक नहीं हो रहा था। मोहम्मद तारिक अब बच्चे से छुटकारा पाना चाहता था लिहाजा उसने बच्चे को एक खेत में ले जाकर उसका गला घोट गांव थाना बहेड़ी स्थित ढकिया नहर में शव को फेंक दिया।
आरोपी पिता गिरफ्तार किया जा चुका है लेकिन यह पूरी घटना अपने पीछे एक सवाल छोड़ गई है की क्या किसी भी बीमारी का इलाज करा पाने में अक्षम वह गरीब लोगों को हमारी सरकार स्वास्थ सुविधा उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है? क्या राज्य पर सरकार के पास हीमोफीलिया का इलाज कराने के लिए कोई योजना नहीं है जिससे कि ऐसे लोगों का जीवन बचाया जा सके।