असंतुष्टां को मनाने के प्रयास, अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं
देहरादून। विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के साथ ही दावेदारांे ने अपनी उम्मीदवारी ठोकी थी लेकिन हर किसी को टिकट देना पार्टी के बस मंे भी नहीं था। टिकट की सूची सामने आई तो बगावत के सुर भी निकलने लगे और हरक सिंह रावत, किशोर उपाध्याय, राजकुमार ठुकराल, मुन्नी देवी जैसे नेताआंे ने पार्टी का दामन छोड़ दिया। हालांकि हरक एवं किशोर को उनकी गतिविधियों को लेकर पार्टी से निष्कासित किया गया।
इधर नामांकन वापसी का अंतिम दिन बीतने के साथ ही कांग्रेस ने अपने कुछ नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया, जिसमें मातवर सिंह कंडारी भी शामिल हैं, लेकिन इस काम में अभी भारतीय जनता पार्टी ने कार्रवाई का रास्ता नहीं अपनाया है। पार्टी के अग्रणी पंक्ति के नेताओं का कहना है कि कोई भी बड़ी कार्रवाई करने से पहले बागी नेताओ से संपर्क में हैं एवं उन्हें मनाने की कोशिशंे भी जारी हैं।
अपने इन्हींे प्रयासांे में भाजपा बागियो को मनाने में तो कामयाब रही है लेकिन अभी भी भाजपा में रहे कुछ नेताओं ने मैदान में उतरने के अपने फैसले को वापस नहीं लिया है। निश्चित तौर पर ऐसे नेताआंे के कारण भाजपा के घोषित उम्मीदवारांे केा नुकसान पहुंच सकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद भी बागी नेताआंे को मनाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनके पं्रयास अभी तक किसी सकारात्मक दिशा में नजर नहीं आए हैं।
भाजपा के यह बागी नेता भाजपा की जीत मे ंएक बड़ी चुनौती बन सकते हैं और अपने ही उम्मीदवारांे के लिए परेशानियां पैदा कर सकते हैं। इन स्थितियांे में पार्टी नेताआंे के लिए यह जरूरी है कि वह या तो जल्द से जल्द सुलह का रास्ता निकाले या फिर ऐसे नेताआंे के खिलाफ कार्रवाई कर स्थिति स्पष्ट करें।