ग्रेड पे लागू करने के बजाए एकमुश्त धनराशि झुनझुना
2001 बैच के पुलिस कर्मी कर रहे हैं 4600 ग्रेड पे की मांग
अगली सरकार बनने तक कोई नया आदेश संभव नहीं
Dehradun: आचार संहिता से पूर्व अपनी बहुप्रतीक्षित ग्रेड पे की मांग उठा रहे 2001 बैच के पुलिसकर्मी एवं उनके परिजन आज राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए शासनादेश से संबंधित आदेशों से हतप्रभ है। पुलिसकर्मियों को आस थी की आचार संहिता लगने से पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उनकी इस मांग को पूरा कर देंगे । राज्य सरकार की ओर से आज एक शासनादेश जारी किया गया है जिसमें 2001 बैच के सिपाहियों (constables) को एकमुश्त ₹2 लाख देने की घोषणा की गई है। इस मामले में पुलिस कर्मी 4600 ग्रेड पे की मांग कर रहे हैं।
इस मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जहां एक कमेटी का गठन किया था लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला तो वहीं पुलिस दिवस के अवसर पर वर्तमान मुख्यमंत्री द्वारा भी ग्रेड पर जारी करने की घोषणा की गई थी, लेकिन आज प्रत्येक आरक्षी को एकमुश्त दो लाख रुपए देने की घोषणा ने 4600 ग्रेड पे लागू होने की आस पर अगली सरकार बनने तक विराम लगा दिया है।
बता दें कि पहले 20 साल की संतोषजनक सेवा पर सिपाही को सब इंस्पेक्टर के बराबर 4600 रुपये का ग्रेड पे यानी वेतनमान दिया जाता था। जबकि, 30 साल की सेवा पर यह बढ़ाकर इंस्पेक्टर रैंक के बराबर 4800 रुपये कर दिया जाता है। नए आदेशों के अनुसार सिपाहियों को 20 साल की संतोषजनक सेवा पर 2800 रुपये ग्रेड पे दिए जाने की बात है, लेकिन वर्ष 2001 बैच के पुलिसकर्मी इसे गलत मानते हुए 4600 रुपए ग्रेड पे की मांग पर रहे हैं।
बता देगी इस मुद्दे को लेकर राजधानी की सड़कों पर पुलिस कर्मियों के परिजन सड़कों पर भी उतर चुके हैं। अब उत्तराखंड में आचार संहिता लागू हो चुकी है और इन परिस्थितियों में फिलहाल 10 मार्च से पूर्व 4600 ग्रेड-पे के मसले पर कोई नया आदेश आने की उम्मीद नहीं है। इन परिस्थितियों में 2001 बेच के पुलिस कर्मियों को नई सरकार बनने तक धैर्य रखना ही होगा।