क्या वाकई मानसिक तनाव में दे दी राष्ट्रीय बॉक्सर में जान?

उभरती राष्ट्रीय मुक्केबाज की मौत से खेल जगत में मायूसी
बॉक्सिंग मैच के परिणाम के बाद तनाव में थी हेमलता दानू

Haldwani: उत्तराखंड की उभर रही बॉक्सर के ऐसे अंत की किसी ने भी कल्पना नहीं की होगी। मानसिक तनाव कहें या फिर कोई अन्य कारण, उत्तराखंड के हल्द्वानी में एमबीपीजी कॉलेज की एमए द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा और राष्ट्रीय बॉक्सर हेमलता उर्फ हेमा दानू की रविवार की देर रात संदिग्ध हालात में मौत हो गई। वह कपकोट के बड़ेत (कफलानी) की रहने वाली थी और हल्द्वानी में ननिहाल में रहकर पढ़ाई कर रही थी। जबकि वह पंजाब स्पोर्ट्स शिक्षण संस्थान से ट्रेनिंग ले रही थी।
मृत्यु के कारणों की बात करें तो जो जानकारी मिली है उसके अनुसार परिजनों ने पुलिस को बताया कि पिछले दिनों खटीमा में आयोजित मैच में हार के बाद वह तनाव में आ गई थी जिसमें मैच के दौरान गलत अंपायरिंग को कारण बताया गया है।
रविवार को उसकी हालत बिगड़ने पर उसे नैनीताल रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान रविवार देर रात डेढ़ बजे उसने दम तोड़ दिया।
बागेश्वर जिले के कफलानी नाचनी कपकोट निवासी कृपाल सिंह की 20 साल की बेटी हेमलता कुमाऊं विश्वविद्यालय की नेशनल बॉक्सर थी। वह यहां छड़ायल स्थित ननिहाल में रहती थी। 10 सितंबर को वह खटीमा में हुई प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में हार गई थी।
हेमलता दानू ने कुमाऊं विश्विद्यालय की ओर से आयोजित अंतर विश्वविद्यालयी नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता में भाग लिया था।छोटी उम्र में बन गई थी होनहार बॉक्सर हेमलता ने 2016 में कोटद्वार में आयोजित राज्य स्तरीय मैच में स्वर्ण पदक जीता था। 2018 में उसने हरियाणा में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के मैच में रजत पदक जीता था।
अब सवाल यह उठता है कि क्या वाकई हेमलता दानू ने मैच में की गई गलत अंपायरिंग के कारण मानसिक तनाव में अपनी जान दे दी या फिर इसके पीछे और कोई कारण है? यह जांच का विषय है और पुलिस को इस संबंध में गंभीरता से जांच करते हुए एक उभरती हुई राष्ट्रीय बक्सर की मौत के जिम्मेदार लोगों को सजा दिलानी चाहिए। वही दानों की मौत के बाद मैच के परिणाम को लेकर पुलिस की जांच कराए जाने की भी मांग उठने लगी है।