परीक्षा रद्द करने की याचिकाएं अब नहीं होंगी स्वीकार

सीबीएसई के परीक्षा फार्मूले को सुप्रीम कोर्ट की सहमति

NEW DELHI: सीबीएसई की परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अब नहीं याचिकाओं पर विचार करने से इंकार कर दिया। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अब उन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा जो पहले से दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने12 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम को लेकर सहमति व्यक्त की है।
सीबीएसई के 12वीं की परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो सीबीएसई की योजना और छात्रों की ओर से दाखिल फिजिकल इम्तिहान की याचिका का बिंदुवार अध्ययन करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों, सवालों और सुझावों का विंदुवार अध्ययन करेंगे। इसके बाद ही समझ में आएगा कि समस्या क्या है और समुचित समाधान क्या हो! ऐसे ही किसी के ख्याल, आशंका या विचार का कोई मतलब नहीं है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में CBSE और ICSE को कहा था कि वो किसी भी स्थिति में छात्रों को अपने अंक सुधारने के लिए परीक्षा में बैठने का अवसर दे और दूसरा परिणाम घोषित करने की समय-सीमा और वैकल्पिक परीक्षा आयोजित करने की तारीख के बारे में जानकारी दे।
इस दौरान CBSE ने 12वीं के छात्रों को अंक देने की प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट में रखी थी कि 10वीं, 11वीं और 12वीं के अंकों के आधार पर आएगा। रिजल्ट- 30 फीसद 10वीं के 3 टॉप विषयों के आधार पर, 30 फीसद 11वीं के आधार पर, 40 फीसद 2वीं के यूनिट टेस्ट आदि के आधार पर 31 जुलाई तक आ जाएगा।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उन राज्यों को नोटिस जारी किया था, जिन्होंने बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द नहीं किया है। वहीं देश भर के दसवीं और बारहवीं कक्षा के 1152 छात्रों की याचिका पर भी सुनवाई होगी, जिन्होंने CBSE कक्षा बारहवीं के कम्पार्टमेंट / प्राइवेट / रिपीटर्स परीक्षा को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *