कुंभ और विवाद के बीच चोली दामन का रिश्ता

कोरोना टेस्टिंग मामले में सियासी उबाल के भी आसार
दो निजी लैब के खिलाफ एफ आई आर दर्ज

DEHRADUN/HARIDWAR। कुंभ के दौरान हरिद्वार में कोविड-19 टेस्ट के मामले में उत्तराखंड की राजनीति में सियासी भूचाल आता हुआ नजर आने लगा है। मामला दो मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल से जुड़ा हुआ है, जिसमें एक ने इस प्रकरण को अपने कार्यकाल से पहले का बताते हुए पूर्ण जांच कराने का आश्वासन दिया है। वही इस प्रकरण में हरिद्वार की दो पैथोलॉजी लैब के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर ली गई है हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा या शिकायत दर्ज कराई गई है।
हरिद्वार में होने वाला शायद ही कोई कुंभ ऐसा निर्विवाद संपन्न हुआ हो जिसमें कोई घोटाला या वित्तीय अनियमितताएं सामने ना आई हो। इस बार धर्म नगरी हरिद्वार में आने वाले श्रद्धालुओं के कोरोना टेस्ट को लेकर बवाल मचा हुआ है। मामला जब तूल पकड़ने लगा तो तमाम लोगों के साथ ही जिला प्रशासन पर भी सवालिया निशान खड़े होने लगे। विपक्ष ने भी टेस्टिंग को लेकर सरकार को कटघरे में लेना शुरू किया तो मुख्यमंत्री ने पूरे प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दिया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि टेस्टिंग का यह प्रकरण उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले का है, लेकिन फिर भी मामले की गंभीरता को समझते हुए पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ विभाग ने दो प्राइवेट पैथोलॉजी लैब के खिलाफ हरिद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
वही प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया लेकिन उनके कहने का अंदाज साफ दर्शाता है कि इशारा किसकी तरफ था। निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री का यह बयान सियासी बवंडर पैदा करने वाला है लेकिन सीधे तौर पर इससे भाजपा को ही नुकसान होने वाला है। बेहतर यही होगा कि इस पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच कराते हुए दोषियों को दंडित किया जाए।

कोरोना टेस्टिंग लैब्स पर FIR
सीएमओ हरिद्वार ने नगर कोतवाली में दो निजी टेस्टिंग लैब लालचंदानी लैब्स और नालवा लैब के साथ मैक्स कॉरपोरेट सोसायटी के खिलाफ शिकायत देते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। हरिद्वार के एसएसपी सेंथिल अबुदाई कृष्णराज एस का कहना है कि नगर कोतवाली में तहरीर प्राप्त हुई है। मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
अब सबकी नजरें इस प्रकरण में जांच की दिशा को लेकर तो है ही साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा उनसे पूर्व के कार्यकाल की बात कह कर पैदा की गई बजने वाली राजनीतिक परिस्थितियों पर भी है।

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