डीएम के कड़े निर्देश, हर हाल में रोका जाए भिक्षावृत्ति का काम
श्रम विभाग व टास्क फोर्स को डीएम की दो टूक चेतावनी
DEHRADUN: अपने घरों से लापता बच्चों की क्या दुर्गति होती होगी यह वही बच्चे जानते होंगे जो तस्करों के कब्जे में आने के बाद CRIME ACTIVITIES में प्रयोग किए जाते होंगे। हमारे आसपास ही ना जाने ऐसे कितने भिखारी दिख जाते हैं जो अपने साथ कम उम्र के या गोद लिए बच्चों को लेकर भीख मांगते हैं। शायद ही कभी हमने गंभीरता से सोचा होगा कि आखिर यह बच्चे किसके हैं और कहां से आए हैं? क्या जिनकी गोद में यह है क्या वाकई व उनके माता-पिता हैं?
ऐसे ही संभावनाओं को देखते हुए Doon के डीएम डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने पूरे जिले में कड़े निर्देश जारी करते हुए इस प्रकार के लोगों पर खास दिखा रखने के निर्देश दिए हैं। DM ने ऐसी प्रत्येक महिला जो गोद में बच्चा लेकर भीख मांग रही है या ऐसे दूसरे लोग जो छोटे बच्चों को लेकर भिक्षावृत्ति का काम कर रहे हैं उनका पूर्ण सत्यापन कराने के निर्देश जिला पुलिस एवं श्रम विभाग को दिए हैं।
बैठक में भिक्षावृत्ति, बालश्रम, कूड़ा बिनने, नशाखोरी, इत्यादि में संलिप्त बच्चों की TREKKING,IDENTIFICATION, EDUCATION और rehabilitation पर फोकस करने के निर्देश दिए। ऐसे कार्यों को अंजाम देने वाले जिम्मेदार व्यक्ति पर यथोचित कार्यवाही करने में की गई लापरवाही के चलते गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए श्रम विभाग और टास्कफोर्स समिति के सदस्यों को सख्त चेतावनी दी कि सभी लोग अपनी कार्यप्रणाली में तत्काल सुधार लायें और बच्चों के कल्याण से सम्बन्धित कार्य में आगे से किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि पूर्व में दिये गये निर्देशों पर एक सप्ताह के भीतर कार्यवाही पूर्ण करते हुए उन्हें इसकी रिपोर्ट दी जाए।
जिलाधिकारी ने गोद में छोटा बच्चा लिए भिक्षावृत्ति करती पाई जाने वाली महिलाओं और उसके बच्चे का सत्यापन करवाने के पुलिस को निर्देश दिए। माॅ-बच्चे का यथासंभव डीएनए भी करने को कहा जिससे ये पता चले कि बच्चा उसी महिला का है कि नहीं, अन्यथा महिला पर अभियोग दर्ज करते हुए जेल भेजा जाय और बच्चे को शिशु बाल सदन में रखा जाय।